भारत में सरकारी नौकरियों (Sarkari Naukri) में आरक्षण (Reservation System) का बड़ा महत्व है। इसका उद्देश्य समाज के उन वर्गों को अवसर देना है जो लंबे समय से शिक्षा और रोजगार में पिछड़े रहे हैं।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि सरकारी नौकरी में आरक्षण क्या है, किन-किन वर्गों को इसका लाभ मिलता है और यह कैसे लागू होता है।
1. Reservation System क्या है?
Reservation System का मतलब है – नौकरी और शिक्षा में कुछ प्रतिशत सीटें विशेष वर्गों के लिए सुरक्षित रखना।
इससे समाज के कमजोर वर्गों को भी समान अवसर मिलता है।
2. Reservation किन-किन वर्गों को मिलता है?
भारत में मुख्यतः 4 कैटेगरी में आरक्षण मिलता है:
- SC (Scheduled Castes) – 15%
- ST (Scheduled Tribes) – 7.5%
- OBC (Other Backward Classes – Non Creamy Layer) – 27%
- EWS (Economically Weaker Section) – 10%
👉 इसके अलावा PWD (Persons with Disabilities), Ex-Servicemen और Women Candidates को भी कुछ हद तक आरक्षण मिलता है।
3. Reservation कैसे लागू होता है?
- Written Exam में Cut-Off अलग होती है।
- Selection List में Reserved Category के लिए सीटें सुरक्षित रहती हैं।
- Relaxation मिलता है – Age Limit, Fees, Qualification Marks में।
4. Reservation के फायदे
✅ समाज के कमजोर वर्ग को अवसर मिलता है।
✅ नौकरी और शिक्षा में समानता आती है।
✅ सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है।
5. Reservation से जुड़े विवाद
❌ कई बार सामान्य वर्ग (General Category) को लगता है कि उन्हें अवसर कम मिल रहा है।
❌ Creamy Layer का मुद्दा – जो OBC में आर्थिक रूप से सक्षम हैं, वे भी फायदा उठाते हैं।
❌ Merit vs Reservation की बहस हमेशा चलती रहती है।
🎯 निष्कर्ष
Reservation System भारत की सामाजिक न्याय व्यवस्था का एक अहम हिस्सा है। यह उन वर्गों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास है जो पिछड़े हुए थे। हालांकि, समय-समय पर इसमें सुधार और संतुलन की ज़रूरत बनी रहती है।
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